एक व्यक्ति अपनी गरीबी से परेशान रहता था, एक दिन वह आत्महत्या करने के लिए नदी में कूद जाता है, एक संत ने उसे देख लिया और उसकी जान बचा ली, संत
प्राचीन काल में एक व्यक्ति था जो अपनी गरीबी से परेशान रहता था. एक दिन वह आत्महत्या करने के लिए नदी में कूद गया. एक संत ने उसे देखा तो उसकी जान बचाई. संत तैरना जानते थे और वह कुछ देर में ही व्यक्ति को बचाकर किनारे पर ले आए. जब व्यक्ति को होश आया तो संत ने उसे आत्महत्या करने का कारण पूछा. व्यक्ति ने संत को अपनी सारी परेशानी बताई.
संत ने उससे कहा- मेरे पास एक चमत्कारी घड़ा है. उसकी खास बात यह है कि वह तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी कर देता है. हम उससे जो मांगते हैं वह दे देता है. यह घड़ा में तुम्हें दे सकता हूं. लेकिन तुम्हें इसके लिए 2 साल मेरी सेवा करनी होगी. पर तुम 5 साल मेरी सेवा करोगे तो मैं तुम्हें घड़ा बनाने की विधि भी बता दूंगा. लेकिन ध्यान रखना अगर घड़ा टूट गया तो इसके चमत्कार से मिली सभी चीजें गायब हो जाएंगी.
व्यक्ति ने कहा- ठीक है मैं आपकी 2 साल तक सेवा करूंगा. आप मुझे घड़ा दे देना. मैं जीवन भर संभाल कर रखूंगा. संत ने कहा- ठीक है, जैसी तुम्हारी इच्छा. 2 साल तक उस व्यक्ति ने संत की सेवा की और समय पूरा होने पर चमत्कारी घड़ा दे दिया. व्यक्ति अपने घर आ गया और उसने घड़े से बहुत सारा धन मांगा. धन मिलते ही उसने बड़ा घर बनवा लिया. अब उसके पास सब कुछ था. लेकिन उसे धीरे-धीरे बुरी लत लग गई. वह नशा करने लगा.
एक दिन नशे में उससे घड़ा टूट गया और उसकी सभी चीजें गायब हो गई और ऐसा होते ही उसका नशा भी गायब हो गया. बाद में उसे पछतावा होने लगा. उसने सोचा अगर मैंने 3 साल तक संत की सेवा की होती तो मुझे घड़ा बनाने की विधि भी पता चल जाती.
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि लोग जल्दी-जल्दी सुख पाने की कोशिश करते हैं और वह धैर्य नहीं रखते. जो लोग धैर्य रखते हैं उनको बड़ा सुख मिलता है और भविष्य में नुकसान नहीं होता.