अगर विराट के परिवार ने ना लिया होता ऐसा फैसला तो भारत नहीं पाकिस्तान की टीम में होते कोहली
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के नाम कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज है, जिनको तोड़ना बहुत ही मुश्किल है. विराट कोहली आए दिन कोई ना कोई रिकॉर्ड तोड़ते रहते हैं. लेकिन विराट कोहली के जिंदगी से जुड़ा एक बहुत ही अनोखा किस्सा है, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे.

जैसा कि आप सब जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 के बाद से कई खिलाड़ी एक-दूसरे के विरोधी बनकर मैदान पर उतरने लगे. 1947 में हुए बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान अलग-अलग हो गए. भारत के प्रतिद्वंदी पाकिस्तान की टीम में विराट कोहली का नाम भी हो सकता था.
कोहली के परिवार ने भी झेला बंटवारे का दर्द
कोहली का परिवार 1947 में पाकिस्तान से मध्य प्रदेश के कटनी शहर में आ गया. इसके बाद 14 साल तक उनके पिता प्रेम कोहली इसी शहर में रहे. 1961 में विराट कोहली का परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया, जहां विराट कोहली का जन्म हुआ.
भतीजे ने क्रिकेट तो चाची ने राजनीति में लहराया परचम
विराट के पिता ने दिल्ली में कारोबार जमा लिया. उनके भाई और भाभी ने कटनी में राजनीति के मैदान में परचम लहराया. कटनी में रहने वाली उनकी चाची आशा कोहली इस शहर की महापौर चुनी गई. अब भी विराट के चाचा-चाची कटनी में रहते हैं. उन्हें आज भी इस बात का गर्व है कि उनका लाडला भतीजा देश के लिए क्रिकेट खेलता है और उसने परिवार का नाम दुनिया भर में रोशन किया.