किसी भी क्रिकेटर के लिए अपना डेब्यू मैच और अंतिम मैच बहुत ही खास होता है और खिलाड़ी इसे खास बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत भी करता है. हर खिलाड़ी चाहता है कि जब भी वह विदाई मैच खेले जो उसके लिए वह यादगार बने. लेकिन हर किसी को यादगार विदाई नसीब नहीं हो पाती. आज हम आपको कुछ ऐसे ही क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी विदाई यादगार नहीं हो सकी.
सौरव गांगुली
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने टीम इंडिया की अपनी कप्तानी में कई मैच जिताएं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम को एक नई पहचान दिलाई. सौरव गांगुली ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि उन्हें 2008 में लिए गए अपने संन्यास के फैसले पर अफसोस होता है. उन्होंने उस वक्त गुस्से में आकर संन्यास ले लिया था. जबकि वह दो-तीन साल और खेल सकते थे.
वीवीएस लक्ष्मण
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण का क्रिकेट करियर बहुत ही शानदार रहा. लेकिन विदाई यादगार नहीं हो सकी. 18 अगस्त, 2012 को वीवीएस लक्ष्मण ने संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था. वीवीएस लक्ष्मण की विदाई भी यादगार नहीं हो पाई.
वकार यूनुस
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर वकार यूनिस एक सफल गेंदबाज रहे, जिनके नाम टेस्ट में कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज है. वकार यूनुस पाकिस्तान की ओर से बॉल टेंपरिंग में सजा पाने वाले पहले क्रिकेटर है. उन पर इस कारण एक मैच का बैन लगा और मैच फीस का 50% जुर्माना भी लगाया गया. जिसके बाद वकार यूनियन का कैरियर डूब गया और उन्होंने अंत में सन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया. लेकिन यूनिस के मन में यादगार विदाई की इच्छा दबी रह गई.
एंड्रयू सायमंड्स
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स ने मात्र 36 साल की उम्र में संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था. उनका क्रिकेट करियर बहुत ही शानदार था. लेकिन विवादों से भी उनका दामन भरा रहा. शराब को लेकर कई बार उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. वह अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान विवादों से घिरे रहे. इसके बाद उन्होंने 2012 में संन्यास की घोषणा कर दी.
जैक कैलिस
साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान और बेहतरीन क्रिकेटर जैक कैलिस के क्रिकेट करियर का अंत भी उनके मुताबिक नहीं हुआ. जैक कैलिस ने अचानक संन्यास की घोषणा कर सभी को हैरत में डाल दिया था.