Oct 25, 2023, 20:00 IST

ताश के पत्तों की संख्या 52 ही क्यों होती है, क्या है इसके पीछे का लॉजिक, पहले लोग ताश के पत्तों से ऋतु और महीनों......

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आप सभी ने ताश के पत्तों को जरूर खिला होगा। वैसे तो ताश खेलना अच्छी बात नहीं है परंतु बात अगर बात ताश की हो रही हो तो आप इसे जुआ भी कह सकते हैं। यह अलग बात है कि ताश के पत्तों का इस्तेमाल जुआ खेलने के लिए भी किया जाने लगा है। परंतु आपको बता दें कि ताश के पत्ते समय की गणना करना भी हमें सिखाते हैं। लोगों के पास जब कैलेंडर नहीं होते थे। तब तब्बू ताश के 52 पत्ते से साल के 52 सप्ताह की गणना की जाती थी। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी किसी घटना को पूरा साल करने के लिए ताश की गड्डी में जोकर को भी शामिल किया जाता था।

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जानकारी के लिए आपको बता दें कि 1 साल के अंदर 52 सप्ताह होते हैं और 4 दिन तू होती है प्रत्येक ऋतु के तीन महीने माने जाते हैं इसी आधार पर ताश के 52 पत्ते 52 सप्ताह का प्रतिनिधित्व करते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिरकार यह कैसे होता है।
3 बड़े कार्ड Jack Queen King=3 3 माह हर ऋतु के
4 सूट्स: चिड़ी, ईंट,पान, हुकुम = 4 ऋतु (गर्मी, पतझड़, वसंत, सर्दी)
प्रत्येक सूट में 13 कार्ड्स = हिंदू पंचांग के अनुसार 13वां दिन त्रयोदशी का होता है। ये दिन देवाधिदेव भगवान शिव को समर्पित है,इसी दिन महाशिवरात्रि भी होती है, प्रदोष का व्रत भी इस दिन रखा जाता है।
जब हम गड्डी के प्रत्येक कार्ड पर अंकित चिन्हों का उपयोग करते हैं तो हमें 364 का आंकड़ा मिलता है। परंतु जब हम इसके साथ जोकर के 1.25 के मान को जोड़ते हैं तो हमें सभी चिह्नों का योग 365.25 के बराबर मिलता है। जो वास्तव में हमारे कैलेंडर में 1 वर्ष के दिनों की संख्या होती है इतना ही नहीं इसमें एक से 10 तक के कार्डों पर अंकित नंबर भी किसी ना किसी तरह का संकेत देते हैं।

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