Sep 28, 2023, 19:00 IST

हनुमान जी जब लंका जा रहे थे तो उन्हें एक ऊंचा पर्वत दिखाई दिया, पर्वत पर चढ़े तो उन्हें किले की तरह लंका नजर आई.......

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लंका में देवी की खोज करना आसान काम नहीं था। श्रीराम ने इस काम के लिए हनुमान जी को भेजा था। हनुमान जी सीता की खोज में लंका के बाहर तो पहुंच गए थे, लेकिन अब अंदर प्रवेश करना था।

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हनुमान जी लंका के बाहर एक जंगल में खड़े थे और एक ऊंचे पर्वत को देख रहे थे। जब वे उस ऊंचे पर्वत पर चढ़े तो उन्हें एक बड़े किले की तरह लंका दिखाई दी।
लंका की दीवारों के परकोटे सोने से बने हुए थे, किले के अंदर सुंदर-सुंदर घर थे। हनुमान जी ने पर्वत से देखा कि लंका की रक्षा बड़े-बड़े राक्षस कर रहे हैं। सभी राक्षस आकार में बहुत बड़े और भयानक नजर आ रहे थे।
हनुमान जी ने विचार किया कि इन भयानक राक्षसों से डरने की तो कोई बात नहीं है, लेकिन मुझे अभी किसी से कोई विवाद नहीं करना है। चुपचाप लंका में प्रवेश करके देवी सीता की खोज करनी है।
हनुमान जी ने लंका में प्रवेश करने के लिए योजना बनाई और उन्होंने छोटा सा रूप बना लिया। छोटा सा शरीर करने के बाद हनुमान जी श्रीराम का ध्यान किया और लंका में करने लगे, लेकिन छोटे से रूप में भी लंकिनी ने देख लिया था। उस समय हनुमान जी लंकिनी को मुक्का मारा और फिर लंका में प्रवेश कर गए। लंका में पहुंचकर देवी सीता की खोज की। इसके बाद श्रीराम वानर सेना के साथ लंका पहुंचे और रावण का वध किया।
हनुमान जी की सीख
हनुमान जी ने इस घटना में संदेश दिया है कि हमें मुश्किलों से डरना नहीं चाहिए। कभी-कभी ताकत की अपेक्षा बुद्धि का उपयोग करते हुए मुश्किलों को दूर किया जा सकता है। हम चाहे कितने भी शक्तिशाली हो, लेकिन हमें भगवान का ध्यान करते हुए ही काम की शुरुआत करनी चाहिए।

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