भारत में हर छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन की देखरेख के लिए स्टेशन मास्टर होता है. स्टेशन परिसर में ही उसका दफ्तर भी होता है. स्टेशन मास्टर को कई महत्वपूर्ण काम करने पड़ते हैं. यात्रियों को मिलने वाली सुविधा की प्लानिंग भी स्टेशन मास्टर ही करता है
स्टेशन मास्टर के काम और जिम्मेदारियां
स्टेशन मास्टर को स्टेशन का प्रमुख भी कहा जाता है. स्टेशन मास्टर की स्टेशन से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के संचालन में अहम भूमिका होती है. अपनी ड्यूटी के दौरान स्टेशन मास्टर को हर गतिविधि पर नजर रखनी पड़ती है. छोटी सी गलती से भी बड़ा हादसा हो सकता है. रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा सुविधाओं की देखरेख करना भी स्टेशन मास्टर का काम होता है.
अगर कोई कुली किसी यात्री के साथ दुर्व्यवहार करता है या कोई कुली को परेशान करता है तो यह सारा मामला स्टेशन मास्टर ही देखता है. स्टेशन मास्टर को यात्रियों की शिकायत को दर्ज करना पड़ता है और कार्यवाही भी करनी होती है. इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन के सभी पॉइंट, सिग्नल, पैनल की जांच भी स्टेशन मास्टर को करनी होती है.
1 महीने में मिलती है कितनी सैलरी
स्टेशन मास्टर की सैलरी उसके शहर पर निर्भर करती है. हावड़ा, दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को ज्यादा सैलरी मिलेगी. स्टेशन मास्टर की शुरुआत सहायक स्टेशन मास्टर के रूप में होती है और शुरुआती तौर पर बेसिक पेमेंट 35400 रुपये और ग्रेड पे 4200 रुपये होता है. जबकि शहर के हिसाब से HRA मिलता है और इसमें बड़ा अंतर आ जाता है. स्टेशन मास्टर को ट्रांसपोर्टेशन भी अलग से मिलता है. शहर के एक ASM की तनख्वाह 52186 रुपये के आसपास होती है.