गांव में एक बहुत ही ताकतवर पहलवान रहता था, जिससे हर कोई डरता था। उस गांव में एक दुबला-पतला लड़का भी। वह हर किसी से उलझता था। बिना किसी बात पर लोगों को छेड़ा करता था। 1 दिन उस लड़के ने पहलवान से कहा कि तुम्हारा शरीर तो बहुत सूजा हुआ है। तुम्हारा शरीर किसी काम का नहीं है। जहां भी जाते हो तो 2-3 लोगों के बैठने की जगह घेर लेते हो।
पहलवान दुबले-पतले लड़के की यह बात सुनकर बहुत ही क्रोधित हुआ और उसने लड़के के गाल पर जोरदार थप्पड़ मार दिया। पहलवान का हाथ बहुत भारी था। इस वजह से लड़के का जबड़ा पूरी तरह हिल गया और उसके मुंह से खून निकलना शुरू हो गया।
थप्पड़ खा कर लड़का वहां से चुपचाप चला आया। रास्ते में उसे एक आदमी मिला। उसने पूछा कि भाई कहीं गिर गए थे क्या। तुम्हारे मुंह से इतना खून क्यों बह रहा है। लड़के ने कहा नहीं भाई मैं कहीं नहीं गिरा। मैंने कुछ ज्यादा ही बोल दिया। मेरी बोली बेकाबू हो गई। इस गलती के कारण ही यह सब हुआ है। लड़के ने यह पूरी बात व्यक्ति को बता दी।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है वाणी दो तरह की होती है। पहली अच्छी और दूसरी बुरी। बुरी वाणी लोगों को दूर कर देती है तो वहीं मीठी वाणी लोगों को करीब लाती है। हमेशा मीठा बोली बोलना चाहिए जिससे कि लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़े।