अक्सर बड़े बुजुर्गों को आप सबने कहते हुए सुना होगा कि भगवान पर भरोसा रखो, सारी परेशानियां दूर होंगी. एक प्राचीन कथा से आप यह बात समझ सकते हैं. इस कथा के मुताबिक, एक सेठ को रात में नींद नहीं आ रही थी. वह घर में अकेला था. उसके परिवार के सभी लोग रिश्तेदारों के यहां गए हुए थे. तब सेठ ने सोचा कि मैं मंदिर तक घूमकर आता हूं. शायद भगवान के दर्शन करने के बाद मेरे मन को शांति मिल जाए.
जब सेठ मंदिर गया तो उसने वहां एक आदमी को प्रतिमा के सामने बैठ कर रोते हुए देखा. सेठ उस व्यक्ति के पास पहुंचा और उससे पूछा कि आप क्यों रो रहे हैं. बूढ़े आदमी ने सेठ से कहा कि मैं बहुत गरीब हूं, मेरी पत्नी बीमार है और मेरे पास उसके इलाज के लिए पैसे नहीं है. मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि मैं पैसों की कैसे व्यवस्था करूं.
सेठ ने उससे कहा कि आप चिंता मत करो. मैं आपकी पत्नी का इलाज करवा दूंगा. सेठ ने उस समय अपनी जेब से निकालकर सारे पैसे उस बूढ़े व्यक्ति को दे दिए. यह देखकर वह व्यक्ति खुश हो गया और सेठ को धन्यवाद कहने लगा. सेठ ने उससे कहा कि अभी मेरे पास इतने ही पैसे हैं. अगर तुम्हें और पैसों की जरूरत पड़े तो तुम मेरे साथ मेरे घर चलो.
वृद्ध ने सेठ से कहा कि नहीं मुझे इतने ही पैसों की जरूरत है. वह व्यक्ति पैसा लेकर चला गया. सेठ को जरूरतमंद की मदद करने के बाद काफी शांत महसूस होने लगा. उसने भगवान को प्रणाम किया और वह सोचने लगा कि शायद इसी वजह से मैं नहीं सो पा रहा था. भगवान मेरे माध्यम से किसी गरीब की मदद करवाना चाहते थे.
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि जो लोग भगवान पर भरोसा करते हैं, उनकी परेशानियां दूर होती हैं. जब भगवान एक दरवाजा बंद करता है तो कल दरवाजे खोल देता है. हमें अपनी हिम्मत नहीं हारना चाहिए. धैर्य बनाए रखना चाहिए और ईमानदारी से अपना काम करते रहना चाहिए. हमें सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की मदद अवश्य करनी चाहिए.