Nov 10, 2023, 22:00 IST

एक बार स्वामी विवेकानंद विदेश गए हुए थे, वहां एक धनी महिला से उनकी मुलाकात हुई, वह स्वामी जी की शिष्या बन गई.........

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स्वामी विवेकानंद विदेश में थे। वहां उनकी पहचान एक धनी महिला से हो गई। वह स्वामी जी की शिष्या बन गई। एक दिन वे दोनों घोड़ा गाड़ी से घूम रहे थे। रास्ते में गाड़ी वाले ने गाड़ी रोकी और सड़क किनारे बैठी हुई एक वृद्ध महिला और उसके बच्चों के पास पहुंचा।

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गाड़ी वाले ने बच्चों को प्यार किया और महिला को कुछ रुपए देकर लौट आया। स्वामी जी और वह महिला ये सब ध्यान से देख रहे थे। जब गाड़ी वाले फिर से गाड़ी चलाना शुरू की तो महिला ने उससे पूछा कि वह महिला और बच्चे कौन हैं?
गाड़ी वाले ने कहा कि वह मेरी पत्नी और बच्चे हैं। पहले मैं एक बैंक का मैनेजर था और बहुत धनवान था। बैंक को नुकसान हुआ और मैं कर्ज में डूब गया, मेरा सारा धन खत्म हो गया। किसी तरह मैंने ये घोड़ा गाड़ी खरीदी है और परिवार का पालन कर रहा हूं। मैंने तय किया है कि मैं मेहनत करूंगा और एक नया बैंक फिर से खोलूंगा।
गाड़ी वाले की ये बातें सुनकर विवेकानंद बहुत प्रभावित हुए। स्वामी जी ने महिला से कहा कि ये व्यक्ति एक दिन अपने लक्ष्य पर जरूर पहुंचेगा। बुरे समय में भी इसका आत्मविश्वास मजबूत है, धैर्य बनाए हुए है। ये दो बातें इसे सफलता दिलाएंगी।

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