Oct 27, 2023, 22:00 IST

किसी गांव में एक विद्वान वैध रहते थे, दूर-दूर से लोग उनके पास इलाज कराने आते थे, एक दिन गांव का ही एक धनी सेठ.......

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एक गांव में एक विद्वान वैद्य रहते थे. दूर-दूर से लोग उनसे अपना इलाज करवाने आते थे. एक दिन गांव का धनी सेठ अपने बीमार बच्चे को लेकर वैद्य के पास पहुंचा. वैद्य ने धनी सेठ के बच्चे को दवाइयां दे दी और 100 स्वर्ण मुद्राएं मांगी. वहां एक गरीब व्यक्ति और बैठा था जो अपनी बीमारी का इलाज करवाने आया था. जब उसने यह तो उसने सोचा कि मेरे पास तो इतना पैसा नहीं है, इसीलिए वैद्य जी मेरा इलाज नहीं करेंगे.

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गरीब व्यक्ति वहां से जाने लगा तो वैद्य ने उससे पूछा कि आप क्यों जा रहे हैं. गरीब व्यक्ति ने अपनी बात बताई. वैद्य जी ने कहा- तुम्हारे पास धन नहीं है, कोई बात नहीं. तुम ठीक होने के बाद यहां कुछ दिन सेवा कर लेना. यह बात सुनकर धनी सेठ गुस्सा हो गया. उसने कहा- मेरा धन देखकर मुझ से इतनी बड़ी रकम मांग रहे हो और इस आदमी का इलाज मुफ्त में कर रहे हो. यह गलत है.
वैद्य ने कहा- आप गलत समझ रहे हैं. मैं यहां आने वाले लोगों से दवा के बदले वही चीज मांगता हूं जो वह दे सकते हैं. आप धन दे सकते हैं इसलिए मैंने आपसे धन मांगा. यह धन नहीं दे सकता. इसीलिए इससे सेवा करने को कह रहा हूं. वैद्य जी की बात सुनकर धनी व्यक्ति शर्मिंदा हुआ और उसने क्षमा मांगी. वह पैसे देकर दवा लेकर अपने बच्चे को लेकर वहां से चला गया.
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है जब तक पूरी बात पता ना हो, नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए. अगर बिना सोचे-समझे निष्कर्ष निकालेंगे तो हमें अपमानित होना पड़ सकता है.

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