Oct 20, 2023, 15:00 IST

एक गांव में एक व्यक्ति अपनी बुद्धिमानी से गांव वालों की हर समस्या का समाधान कर देता था, जब वह व्यक्ति वृद्ध हो..........

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कई लोक कथाएं प्रचलित हैं, जिनसे हम सुखी जीवन के सूत्र सीख सकते हैं. अगर हम इन कथाओं के सूत्रों को अपने जीवन में उतारते हैं तो हम अपनी परेशानियों से बच सकते हैं. एक ऐसी ही प्रचलित कथा है. इस कथा के अनुसार एक व्यक्ति अपनी बुद्धिमानी की वजह से गांव में बहुत प्रसिद्ध था. सभी लोग उसके पास अपनी समस्याओं का हल पूछने आते थे. जब वह व्यक्ति बूढ़ा हो गया तो उसे 1 दिन लगा कि उसका अंतिम समय आ गया है. फिर उसने अपने बेटे को बुलाया और कहा कि मैं तुम्हें चार रत्न देना चाहता हूं. जब तक यह रत्न तुम्हारे पास रहेंगे, तुम हमेशा सुखी रहोगे.

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पहला रत्न
उस वृद्ध व्यक्ति ने अपने बेटे से कहा कि घर-परिवार में कोई भी तुमसे कुछ भी कहे तुम किसी की बात का बुरा मत मानना. किसी से बदला लेने की भावना मत रखना. दूसरों को क्षमा कर देना तो तुम हमेशा सुखी रहोगे.
दूसरा रत्न
वृद्ध ने अपने बेटे को समझाया कि तुम किसी की भी मदद करो तो उसे याद मत रखना. मदद करने के बदले कुछ भी पाने की इच्छा मत रखना.
तीसरा रत्न
व्यक्ति ने कहा कि सफलता पाने के लिए मेहनत बहुत जरूरी है. लेकिन इसके साथ ही तुम्हें खुद पर और भगवान पर भरोसा रखना होगा. भगवान ही तुम्हारी इच्छाओं को पूरा करेंगे.
चौथा रत्न
हमेशा यह बात याद रखना कि जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. कोई भी धरती पर कुछ भी लेकर नहीं आता और ना ही साथ लेकर जाता है. इसीलिए तुम धरती की किसी भी वस्तु या सुख-सुविधाओं के प्रति मोह मत रखना. हमेशा वैराग्य भाव जागृत रखना. अगर यह चारों रत्न तुम्हारे पास रहेंगे तो तुम हमेशा सुखी रहोगे.

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