Oct 26, 2023, 18:00 IST

आखिर मिट्टी के मटके में पानी ठंडा कैसे हो जाता है, क्या है इसके पीछे का लॉजिक, जानिए

एक्स

प्राचीन काल में लोग मिट्टी के मटके में पानी भरकर रखते थे. मिट्टी के मटके का पानी पीने में बहुत ही स्वादिष्ट और ठंडा होता है. रेफ्रिजरेटर के पानी को पीने में भी उतरा आनंद नहीं मिलता, जितना मिट्टी के मटके के पानी को पीने में मिलता है. मिट्टी के मटके में पानी आखिर ठंडा कैसे हो जाता है, क्योंकि उसमें तो रेफ्रिजरेटर की तरह कोई कंप्रेसर भी लगा नहीं होता है.

बी

डॉ एनडी आचार्य के मुताबिक, पृथ्वी पर जब भी किसी तरल पदार्थ का तापमान बढ़ता है तो भाप बनने लगती है. भाप के साथ तरल पदार्थ की ऊष्मा बाहर निकल जाती है जिससे तरल पदार्थ का तापमान कम हो जाता है. मिट्टी का मटका विशेष प्रकार से बनाया जाता है. इसका मुंह छोटा होता है और पेट काफी बड़ा होता है. यह एक वैज्ञानिक तकनीक है. कुम्हार भले ही इस तकनीक के बारे में नहीं जानते. लेकिन वह इसका पालन करते हैं.
अगर मिट्टी के मटके का मुंह बड़ा बनाया जाए तो पानी ठंडा नहीं होगा. मिट्टी के मटके में बने असंख्य छिद्रों के सहारे पानी बाहर निकल कर बाहर की गर्मी में भाप बनकर उड़ जाता है और अंदर का पानी ठंडा रहता है. इसी वजह से मिट्टी के मटके का मुंह छोटा और पेट बड़ा बनाया जाता है.
मिट्टी के मटके का पानी सेहत की दृष्टि से भी बहुत फायदेमंद होता है. इस पानी को पीने से मनुष्य की पाचन क्रिया बेहतर होती है. मिट्टी के मटके का पानी पीने से एसिडिटी की समस्या नहीं होती. साथ ही मिट्टी के मटके में मृदा के गुण भी मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. मिट्टी के मटके का पानी पीने से इम्यूनिटी क्षमता बढ़ती है.

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