Nov 1, 2023, 18:00 IST

एक राजा के पास शांत स्वभाव का एक हाथी था, जिस जगह हाथी रहता था, उसी के पास में चोरों ने अपना अड्डा बना.......

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राजा के पास एक बहुत ही शांत हाथी था। वह हाथी इतना समझदार था कि अपने महावत के सभी संकेतों को जान लेता था। राजा अपने हाथी से बहुत प्यार करता था। हाथी की बहुत ही विशेष देखभाल की जाती थी। लेकिन जिस जगह हाथी रहता था उस जगह पर चोरों ने अपना अड्डा बना लिया।

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अब चोर उस जगह हर रोज अगले दिन चोरी करने की प्लानिंग करते एवं अपने चोरी के कारनामे के किस्से सुनाते। चोरों की बात सुनकर धीरे-धीरे हाथी को यह अनुभव होने लगा कि यह लोग अच्छे काम करते हैं। हाथी चोरों की बातों से इतना प्रभावित हुआ कि वह आक्रमक हो गया।
इस कारण 1 दिन उस हाथी ने अपने महावत को पैरों से कुचल कर मार डाला। राजा हाथी के व्यवहार में परिवर्तन देखकर काफी निराश हुए। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्या हुआ।
राजा ने तुरंत ही एक बुद्धिमान वैद्य को बुलाया गया। वैद्य ने हाथी के आसपास वाले क्षेत्र का जायजा किया तो उसे पता चला कि वहां चोरों ने अड्डा बना लिया है। वैद्य ने राजा को कहकर उन चोरों को पकड़वा लिया और वहां पर साधु-संतों के रहने के लिए जगह बनवा दी।
हाथी भी हर रोज उन संतों की बातों को सुनता था। ऐसा होने के बाद हाथी धीरे-धीरे फिर से पहले जैसा हो गया। इसके बाद राजा ने वैद्य को सम्मानित किया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि संगत का असर होना लाजमी है। हम जैसी संगत में रहते हैं, वैसा ही हम पर असर आता है। इसीलिए हमेशा अच्छी संगत में रहना चाहिए कि जिससे कि बुरा फल ना मिले।

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